Mohan Rakesh
Born
in Amritsar, India
August 01, 1925
Died
December 03, 1972
Genre
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आषाढ� का एक दि�
11 editions
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published
1958
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अँधेरे बं� कमरे
5 editions
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published
1961
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लहरो� के राजहंस
2 editions
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published
2009
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Abhigyan Shakuntalam
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published
1999
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मेरी प्रि� कहानियाँ
3 editions
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published
1997
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� आन� वाला कल
4 editions
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published
2010
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India Transformed: 25 Years of Economic Reforms
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10 प्रतिनिध� कहानियाँ
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Ashad ka Ek Din
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मोहन राके� की संपूर्� कहानियां
3 editions
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published
2014
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“कालिदा�:मैंन� कह� था कि मै� अथ से आरम्� करना चाहत� हूँ। यह सम्भवत� इच्छ� का सम� के सा� द्वन्द्व था� परन्तु दे� रह� हू� कि सम� अधिक शक्तिशाली है क्योंक�..�”
― आषाढ� का एक दि�
― आषाढ� का एक दि�
“जैसे चाँद की किरणों मे� कलंक; परन्तु दारिद्रय नही� छिपता। सौ-सौ गुणो� मे� भी नही� छिपता। नही�, छिपत� ही नही�, सौ-सौ गुणो� को छा लेता है—ए�-एक करके नष्ट कर देता है�”
― आषाढ� का एक दि�
― आषाढ� का एक दि�
“अम्बिक�:सम्मान प्राप्� होने पर सम्मान के प्रत� प्रक� की गयी उदासीनत� व्यक्त� के महत्त्� को बढ़� देती है� तुम्हे� प्रसन्� होना चाहि� कि तुम्हारा भागिने� लोकनीति मे� निष्णा� है�”
― आषाढ� का एक दि�
― आषाढ� का एक दि�