Deendayal Upadhyay
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“ज्ञानरहि� भक्त� ढोंग है, कर्मरहित ज्ञा� व्यर्थ है, भक्तिरहि� कर्म नीरस होता है और ज्ञानरहि� कर्म अँधा होता है� इस प्रकार भक्त�-समन्वि� ज्ञानयुक्त निष्का� कर्म ही हमार� आदर्� है�”
― Rashtra Jeevan ki Disha
― Rashtra Jeevan ki Disha
“There is an English saying: “Nations die in peace and live in war�.”
― INTEGRAL HUMANISM: AN ANALYSIS OF SOME BASIC ELEMENTS
― INTEGRAL HUMANISM: AN ANALYSIS OF SOME BASIC ELEMENTS
“आत्मानुभूत� के प्रयत्नो� मे� जि� सामाजि� व्यवस्थाओं एव� पद्धतियो� की राष्ट्� अपनी सहायता के लि� सृष्टि करता है, अथवा जि� रीति-रिवाजो� मे� उसकी आत्म� की अभिव्यक्ति होती है वे ही यद� कालावपात से मार्� मे� बाधक होकर उसके ऊप� भा� रू� हो जाएँ तो उनसे मुक्ति पाना भी प्रत्येक राष्ट्� के लि� आवश्यक है�”
― Rashtra Jeevan ki Disha
― Rashtra Jeevan ki Disha
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