

“इंजीनियरिं� कॉले� मे� अग� को� लड़का नोट्� बनात� है तो उसको सच्च� इंजीनियर नही� बोला जा सकता� कभी-कभी लगता है अग� कॉले� मे� लड़किया� ना होती� तो कभी किसी भी इंजीनियरिं� कॉले� मे� को� नोट्� बन ही ना पाता� जैसा हर लड़की के सा� होता है, जैसे-जैसे वो करी� आती है उसकी टोका-टाकी बढ़ जाती है� एक दि� ऐस� भी आत� है जब हॉस्टल जाने से पहले वो bye के सा� take care भी बोलन� लगती है� सुबह breakfast के लि� उठान� लगती है� पेपर मे� पहले से ही नोट्� की एक फोटोकॉपी बन� के रखती है� ये सभी प्या�/फ्रेंडशि� जैसी ची� के symptom हु� करते थे, हु� करते हैं। प्या� लड़के की तर� से और फ्रेंडशि� लड़की कि तर� से�”
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Saurabh’s 2024 Year in Books
Take a look at Saurabh’s Year in Books, including some fun facts about their reading.
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